Last modified on 8 जनवरी 2008, at 15:47

पक्षी दिन / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:47, 8 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं-1 / केद...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मौन पक्षी-सा

बड़ा दिन

नीम पर

बैठा रहा,

मारने पर भी

बड़ा ढेला,

उड़ा पक्षी नहीं,

नीम ने भी तो

नहीं नीचे ढकेला,

आह !

यह कितना अकेला,

निलज,

नीघस,

आज का दिन !