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उतरत सावन लागत भादौं / बघेली

Dhirendra Asthana (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:31, 18 मार्च 2015 का अवतरण (बारहमासी गारी गीत)

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उतरत सावन लागत भादौं आये न विरना तुम्हार हो काहेन की तोरी माया बनी है काहेन के तोरे बाप हो काहेन के तोरे भइया बने हैं आये न सावन मास हो कठवन की तोरी माया बनी है पथरन के तोरे बाप हो चन्दन विरूछ के तोरे भइया बने हैं आये न सावन मास हो आवत देख्यौं सासु जी दुइ जन जोरवा एक सावर एक गोर हो गोरे तौ आही मोर वीरन भइया सांवर ननंद जी के भाई हो सासु दुआरे निमिया के विरवा ओहीतर उतरे विरना हमार हो बैठा न मोरे भइया चन्दन पिढुलिया कहा नैहरवा की बात हो तुम्हरे नैहरे बहिनि छेमिया कुशल है तुम बिन माया उदास हो बैठा न मोरी बहिनी पाटे दुलइचा कहा ससुररिया की बात हो सासु तो मोरे भइया मुहंहू न बोलैं ननंदी गरम गुमान हो जेठनिया विरोगिन बोली जो बोलैं तुम्हरे भइया कुछहूं न लाये हो एतना जो सुनिन है बीरेन भया रेंगि चले ओही पांव हो घोड़वा के बाग धर रोवइ बहिनिया भैया तुम घाम नेवारउ हो घाम रेवारब बहिनी बाग बगैचा और बबुल चौपार हो ऊंची अंटरिया से भौजी निहारैं चली आंबई ननंदी हमार हो छूछेन डड़िया छूछेन कहरिया रूठे हैं ननंदी के भाई हो देअ न मोरी माया दौरी चंगेरिया बहिनी लेवावन जाब हो निहुंरि निहुंरि बहिनी अंगना बटोरैं चिले आवैं बिरना हमार हो सासु दुआरे निमिया के विरवा ओही तरे उतरे कहार हो कहना उतारौ सासु दौरी चंगेरिया कहना भेटौउ अपना भाइ हो अंगने उतारा बहू दौरी चंगेरिया भितर भेटी अपना भाइ हो एक बन रेंगे दुसर बन रेंगे तिसरे मा नदिया और नार हो सावन भादउ के बाढ़ी है नदिया उतरे हैं बहिनी ओ भाई हो सींक चीर कै नइया बनाइन उतरे हैं बहिनी औ भाई हो एक खेव खेइन दुसर खेउ खेइन तिसरे मा गये तरबोर हो ससुरे मा बाजइ अनंद बधइया मइके मा रोवा होई हो बरहे दिना जब ओसटी है जमुना निकरे हैं बहिनी ओ भाई हो मइके मां बाजइ अनंद बधइया ससुरे मा रोवन होइ हो