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अभिनेता चार्ली चैपलिन / ओसिप मंदेलश्ताम

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अभिनेता चार्ली चैपलिन
              फ़िल्म से बाहर निकला
जूतों के फटे हैं तल्ले,
              होंठों का कटा है कल्ला
दो अँखियाँ उसकी प्यारी
              हैं काली-कजरारी
चारु-चपल लगें वे,
              विस्मित हैं मतवारी
यह अभिनेता चार्ली चैपलिन
              है उभरे होंठों वाला
जूतों के फटे हैं तल्ले,
              और किस्मत पर है ताला
कैसे तो सब जीते हैं, लगता है गड़बड़झाला
बड़ा अजनबी लगे है, जीवन का यह उजाला
कलई किया है चेहरा
              चेहरे पर छाई दहशत
दिलो-दिमाग पर वश नहीं
              मन में है गहरी वहशत
कालिख़ पहले से गहराई
              लगे है फैल गई सियाही
कुछ धीमे स्वरों में सबसे
              चैपलिन यह कहे है, भाई
लोग पसन्द मुझे करें क्यों
              मैं क्यों हुआ हूँ चर्चित
यह महामार्ग, भला, क्या सबको करे प्रदर्शित
बड़ा अजनबी लगे है, जीवन जो नहीं सुरक्षित
ओ अभिनेता चार्ली चैपलिन
              ज़रा पैडल को दबा तू
खरगोश न बन रे, भैया
              असली भूमिका में आ तू
साफ़ कर दे सारे दड़बे
              और बन जा जैसे तकली
तेरी पत्नी रह गई है
              देख, परछाईं-सी पतली
झक्क और सनक ही होगी अब तेरी मज़बूरी
बस पार करनी होगी तुझे यह अनजानी दूरी
आया कहाँ से, चैपलिन
              यह पुष्प बड़ा सा लोहित
क्यों जन है दिखाई देता
              इतना उससे सम्मोहित?
कारण है इसका, साथी
              कि यह मस्कवा है भाई
ओ अभिनेता चार्ली चैपलिन
              तू अब कर थोड़ी ढीठाई
आ, चार्ली, यहाँ तू आ
              अब यह खतरा तू उठा
असमय में तू यूँ ही
              न बेचैन हो, न घबरा
अब तेरा बड़ा पतीला
              बस, यही जन-सागर है
इसी में तू अब अपनी
              बस, खिचड़ी गरम पका
ज़रा देख, मस्क्वा फिर कितना निकट है, चार्ली
और राह यह उसकी तुझको नहीं विकट है, चार्ली

1937, मस्क्वा