भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चूहा-बिल्ली / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:16, 27 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शेरजंग गर्ग |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> बिल्ली-चूहा, चू…)
बिल्ली-चूहा, चूहा-बिल्ली,
साथ-साथ जब पहुँचे दिल्ली ।
घूमे लालकिले तक पहले,
फिर इंडिया गेट तक टहले ।
घूमा करते बने-ठने से,
इसी तरह वे दोस्त बने से ।