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मेरी शायरी / नाज़िम हिक़मत
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चाँदी की काठी वाला घोड़ा नहीं है मेरे पास सवारी के लिए
नहीं है गुज़ारे के लिए कोई विरासत
ज़र न ज़मीन
कुल जमा शहद की एक हाण्डी है मेरे पास
आग की लपटों जैसे शहद की हाण्डी ।
मेरा शहद ही मेरा सब कुछ है
सभी किस्म के कीड़े-मकोड़ों से
हिफ़ाजत करता हूं मैं अपने ज़र-ज़मीन की
मेरा मतलब अपनी शहद की हाण्डी की ।
ज़रा ठहरो, बिरादर
मेरी हाण्डी में जब तक शहद है
टिम्बकटू से भी आएँगी
मधुमक्खियाँ उसके पास ।
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अनुवाद : सुरेश सलिल