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भूँईचालो गएपछि/ राजेन्द्र थापा

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भूँईचालो गएपछि हलचल त भईहाल्छ
जिन्दगीकै उलटपुलटमा खलबल त भईहाल्छ

हृदयको छोड आँसु पुछ्दै साईतमा
नयाँ यात्रा थाल्दा केही अलमल त भईहाल्छ

छेक्ने किनारै लहरेले फोडेको बेला
जिन्दगी नै केही बेर जलथल त भईहाल्छ

बोझ बोकेर धेरै उन्मादी भेल चिर्दा
संसारकै डुङ्गा पनि ढलपल त भईहाल्छ

धेरै सोध्यो धेरै बोल्यो भनी नरिसाउ
मुटु बाँड्ने कुरा उठ्ता छलफल त भईहाल्छ

शब्द - राजेन्द्र थापा
स्वर - कुन्ती मोक्तान
संगीत - शीलाबहादुर मोक्तान
एल्बम - मनको सपना