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अंतहीण अंधारो / अजय कुमार सोनी
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दिवलां री जोत सूं
कर सूं
समूळो घर सैंचनण
कियां पण करूंला
मनड़ै में उजास
जठै पसरयोड़ो है
अंतहीण अंधारो
थारै ई ताण !