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लाउन त प्रीत लाइदियौ / रवीन्द्र शाह

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लाउन त प्रीत लाइदियौ यो फूलमा बहार बनी
आउन त तिमी आइदियौ यो दिलमा प्यार बनी
जीवनमा आँशु लिएर पाउ त्यसै नचाल
यौवनमा दिल दिएर जवानी त्यसै नफाल
हर मौसममा तिमी हाँसिदेऊ
हर रमझममा तिमी नाँचिदेऊ

नौलाख तारा रातमा एक्लै बसी नगन
उराठ लाग्छ दुनिया तिमी कहिल्यै नभन
हर दिन तिमी बाँचिलेऊ
हर छिन तिमी साँचिलेऊ