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दगड़ू नि रैणू सदानि दगड़्या (खुदेड़ गीत) / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: नरेन्द्र सिंह नेगी

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि

तेरु बाटू तेरा अगाड़ि, मेरु बाटू मेरा अगाड़ि

कख ल्हिजालू कुज्याणी दगड़्या, कख ल्हिजालू कुज्याणी दगड़्या

दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या... दगड़ू नि रैणू सदानि

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि


सुख मां दुख मां मिली जुली, दिन जू गैनी वी अपड़ा

सुख मां दुख मां मिली जुली, दिन जू गैनी वी अपड़ा

मेरी उंठड़्यूं मां हैंसी तेरी, तेरु दरद मेरा जिकुड़ा...

तेरु दरद मेरा जिकुड़ा...

अपणू परायू नि जाणि दगड़्या, अपणू परायू नि जाणि दगड़्या

दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या....दगड़ू नि रैणू सदानि...

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि


कांडा लग्यां ईं उमर उंद, नरकै कि गाई बिराणी सी

कांडा लग्यां ईं उमर उंद, नरकै कि गाई बिराणी सी

बगत नि रुकि हथ जोड़ी जोड़ी, बगदू राई पाणी सी...

बगदू राई पाणी सी...

पौणू सि आई या ज्वानि दगड़्या, पौणू सि आई या ज्वानि दगड़्या,

दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या....दगड़ू नि रैणू सदानि...

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि


रईं सईं बि कटि जाऊ जू, यनि समळौण देजा आज

रईं सईं बि कटि जाऊ जू, यनि समळौण देजा आज

दगड़्या भोळ कख तू कख मी, आखिरी बेर भ्येंटे जा आज

आखिरी बेर भ्येंटे जा आज...

बगण दे आंख्यूं कू पाणि... दगड़्या...बगण दे आंख्यूं कू पाणि... दगड़्या

दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या....दगड़ू नि रैणू सदानि...

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि


बोझ हिया कू भुयां बिसैजा, भूलीं बिसरीं छ्वीं बत लैजा

बोझ हिया कू भुयां बिसैजा, भूलीं बिसरीं छ्वीं बत लैजा

औ दगड़्या सुख दुख बांटि ल्योला, जिकुड़ी अदला बदली कैजा

जिकुड़ी अदला बदली कैजा...

दुख से हार नि मानि दगड़्या... दुख से हार नि मानि दगड़्या...

दगड़ू नि रैणू सदानि... दगड़्या....दगड़ू नि रैणू सदानि...

तेरु भाग त्वे दगड़ि, मेरु भाग मै दगड़ि


कविताकोष योगदान-- पूजन नेगी

--Poojan Negi १९:२३, २३ जून २००९ (UTC)