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उस लड़की की हँसी / गोविन्द माथुर

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उस खिलाखिलाती लड़की की

तस्वीर कैद कर लो

अपनी आँखों के कैमरे में


उस लड़की की अल्हड़ता

उस लड़की की हँसी

उस लड़की का शर्माना

कैद कर लो अपनी यादों में


कुछ दिनों बाद जब देखोंगे

किसी गृहणी को

कपड़े धोते हुए, आटा गूंधते हुए

तब उसकी आँखों में

कुछ तलाश करोगे तुम


फिर कभी जब तुम देखोगे

किसी उदास औरत को

बाज़ार से सब्ज़ी लाते हुए

दवाइयों की दूकान पर खड़े

अंगुलियों पर हिसाब लगाते हुए


तब तुम पहचान भी न पाओगे

यह वही लड़की है

जिसकी हँसी आज भी

गूँज रही है तुम्हारे ख़्याल में