भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रौढ़ शिक्षा / बृजेन्द्र कुमार नेगी
Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:35, 24 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> सर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सर्या साल
प्रौढ़ शिक्षा मा
पढ़णा कु बाद
पुछण बैठ व
हे नौनी---!
जरा
वे आखर सिखादी
ज्यांन्से
'यूंकु' नाम आन्द।