भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तान्या / मोईन बेस्सिसो / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:52, 15 जून 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोईन बेस्सिसो |अनुवादक=अनिल जनवि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब नाज़ियों ने सोवियत संघ पर हमला किया, तो एक लम्बे समय तक लेनिनग्राद (साँक्त पितेरबुर्ग) नगर को चारों तरफ़ से घेरे रखा था। तान्या का परिवार भी नाज़ियों से घिर गया था। लेनिनग्राद की मुक्ति के बाद एक मकान से तान्या की डायरी के पन्ने मिले थे, जिनमें इस बच्ची ने अपनी मृत्यु से पहले अपने परिवार पर पड़ी आपदाओं का वर्णन किया है।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय