भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमरा देशमे / गंग नहौन / निशाकर

Kavita Kosh से
Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:26, 19 सितम्बर 2018 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=गंग नहौन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज



जीवकान्तक कवितामे
सन्हिआएल अछि
खोपड़ी पर बैसल चिड़ै
दुआरि-दुआरि छिछिआइत कुकुर
खाँड़ोक पानिमे हेलै महीस
आ मायक देह पर छड़पैत बेदरा।

जीवकान्तक कवितामे
लतरल अछि मधुबनी पेंटिंग
भोतिआएल अछि नारा
उधिआएल अछि कोशीक पानि
हुलकैत अछि वेदना।