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बिहान ना भइल / हरेश्वर राय

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आँख में रात बहुते सयान हो गइल
हमार असरे में जिनिगी जिआन हो गइल I

दिल के दरिया में दर्दे के पानी रहल
देंह जइसे कि भुतहा मकान हो गइल I

आस के डोर टूटल कटल भाईजी
हमरा सपनों में कबहूँ बिहान ना भइल I

हमरा होंठ के बगानी में फूल ना खिलल
मन क चउरा क तुलसी झंवान हो गइल I

सऊँसे जिनिगी कटल उनका इंतजार में
मौत के राह बहुते आसान हो गइल I