Last modified on 1 मार्च 2019, at 21:57

दिखाय दऽ पियवा / उमेश बहादुरपुरी

सशुल्क योगदानकर्ता ४ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:57, 1 मार्च 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धानी रंग चुनरिया मंगाइ दऽ पियवा।
हरी-हरी चुड़िया मंगाइ दऽ पियवा।।
मंगाइ दऽ ...
चुनरी पहिर हम गंगाधाम जइबइ।
चुनरी पहिर हम बाबाधाम जइबइ।
बाबा के शहरिया घुमाइ दऽ पियवा।
हरी ....
गंगाधाम जाइ के माता के मनइबइ।
बाबाधाम जाई के दाता के मनइबइ।
तनी बनके काँवरिया दिखाय दऽ पियवा।।
हरी ....
चुनरी पहिर करबइ शिव के पूजनमाँ।
बीतलइ असढ़वा अयलइ सवनमाँ।
तनी बनके साँवरिया दिखाय दऽ पियवा।।
हरी ....