विश्व जनमत और अमेरिका / राजकिशोर सिंह
ऽाड़ी यु( के लिए बुश ने
विश्व जनमत पर किया कुठाराघात
प्रदर्शन, हड़ताल, विरोध् पर
करता रहा इराक में रत्तफपात
हुआ घमंड अमेरिका को
बल का हुआ उसे अहंकार
आतंकी अîóा का अपफवाह बता
कर दिया इराक का संहार
मानवता पर घोर जुल्म
पिफर भी मौन रहा संसार
भय के मारे आह न निकली
टूटता रहा इराक पर पहाड़
गनीमत है आज जीवित नहीं नेपोलियन
नहीं तो लजा जाती उसकी चाहत
आज अगर नादिरशाह भी होते
उन्हें भी नहीं मिलती बुश की राहत
हो गई इराक की शत्तिफ क्षीण
बची नहीं बेचारे की जमानत
लुट गई विश्व की र्ध्म-ध्रोहर
वर्षों की सब अनमोल अमानत
इंसानों का चमन उजाड़ा
जिससे शर्माती दानवता
चारों ओर चीत्कार-चीऽ है
हाय रे मानव! हाय मानवता!!
ज्यादती है अमेरिकी हमला
जो किया नहीं दुनिया में कोई
मानवता का दर्द देऽकर
दानवता भी पफूटकर रोई
कहा गया गरीबों की आह
जाती नहीं कभी भी व्यर्थ
चीऽ से आहत होगा अमेरिका
भुगतना पड़ेगा उसे घोर अनर्थ।