भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हथौड़ा / कार्ल सैण्डबर्ग / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:37, 17 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कार्ल सैण्डबर्ग |अनुवादक=अनिल जन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मैंने देखा है
पुराने देवता जा रहे हैं
और नए देवता आ रहे हैं ।
दिन-प्रतिदिन
साल दर साल
मूर्तियाँ गिर रही हैं
और मूर्तियाँ उठ रही हैं ।
आज
मैं हथौड़े की पूजा करता हूँ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Carl Sandburg
The Hammer
I have seen
The old gods go
And the new gods come.
Day by day
And year by year
The idols fall
And the idols rise.
Today
I worship the hammer.