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कविता कोश के पंद्रह वर्ष

Kavita Kosh से
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05 जुलाई 2006 को आरम्भ हुई इस अभूतपूर्व सामाजिक परियोजना ने देखते-ही-देखते पंद्रह वर्ष पूरे कर लिए हैं। भारतीय साहित्य को इंटरनेट पर एक विश्वकोश के रूप में स्थापित करने वाली इस पहली परियोजना को यहाँ तक लाने का श्रेय उन सभी संकलित हज़ारों रचनाकारों, लाखों पाठको... और विशेषकर उन मुठ्ठीभर स्वयंसेवकों को जाता है जिन्होनें इस सपने को साकार करने में तन-मन-धन से अपना योगदान दिया।

आज कविता कविता कोश में 1,49,500 पन्नें संकलित हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान हमनें लगभग 7,500 रचनाओं को कोश में संकलित किया है। इस समय टॉप के कुछ स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं की सूची इस प्रकार है:

  • अनिल जनविजय (30501)
  • Sharda suman (25177)
  • Lalit Kumar (17164)
  • सशुल्क योगदानकर्ता ५ (10885)
  • Dkspoet (9859)
  • आशिष पुरोहित (7067)
  • Pratishtha (6580)
  • Sirjanbindu (6103)
  • Rahul Shivay (5169)
  • Dr. ashok shukla (3767)
  • Neeraj Daiya (3063)
  • Abhishek Amber (2937)
  • द्विजेन्द्र द्विज (2461)
  • सशुल्क योगदानकर्ता ३ (2358)
  • Anupama Pathak (2189)

बीते वर्ष में हमनें गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस पर आधारित कविता कोश कैलेण्डर 2021 को प्रकाशित किया। इस कार्य में हर वर्ष की भांति शारदा सुमन और कुमार अमित ने सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निबाही। इस बार हम यह कैलेण्डर केवल टेबल संस्करण में ही निकाल पाए -- यदि संभव हुआ तो इसका दीवार संस्करण अगले प्रकाशित किया जाएगा।

साहित्य में विकलांगता विमर्श के अभियान को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष कविता कोश ने 'जैसा मैंने देखा तुमको' कविता संकलन प्रकाशित किया। इस पुस्तक का सम्पादन सम्यक ललित और स्वप्निल तिवारी ने किया। विकलांगता को केन्द्र में रखते हुए लिखी गई भारतेन्दु मिश्र की कविताओं के संग्रह 'अधेड़ हो आयी है गोले' का प्रकाशन भी कविता कोश ने किया।

कविता कोश के संस्थापक-निदेशक ललित कुमार 'सम्यक ललित' द्वारा इस वर्ष 'विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार' भी स्थापित किये गये। ये पुरस्कार विकलांगता-केन्द्रित साहित्यिक रचनाओं को दिये जाते हैं। अप्रैल 2021 में प्रथम विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार प्रदान किये गये। इन पुरस्कार को कविता कोश और ईवारा फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थन प्राप्त है और फ़िलहाल पुरस्कारों के लिए धनराशि सम्यक ललित निजी-रूप से उपलब्ध करा रहे हैं।

Sudhir Gandotra जी की सहायता से कविता कोश का सर्वर चलता रहा... पाठकों के लिए कविता कोश की उपलब्धता का सारा श्रेय सुधीर जी और उनकी टीम को जाता है।

शारदा सुमन द्वारा संचालित श्वेतवर्णा प्रकाशन ने कविता कोश द्वारा प्रस्तुत सभी पुस्तकों को प्रकाशित करने का कार्य अपने ज़िम्मे ले लिया है। इससे कोश की ओर प्रकाशित होने वाली पुस्तकों के प्रकाशन की प्रक्रिया अब सुनिश्चित और सरल हो गई है। इसी क्रम में इस वर्ष कविता कोश की ओर से निम्लिखित पुस्तकों को भी प्रकाशित किया गया:

  • शायर हमारे (संशोधित संस्करण)
  • नायाब शेर
  • बिखरे मोती
  • प्रेमचंद की बाल कहानियाँ

वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण कोश के स्वयंसेवकों के लिये कार्य करना सरल नहीं था लेकिन फिर भी जितना हो सका हम सभी कोश के प्रति अपने कार्य को लेकर सजग रहे। इसी कारण इस वर्ष भी कविता कोश परियोजना ने अच्छी प्रगति की है।

मैं सफलता का एक और वर्ष सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कविता कोश के सभी स्वयंसेवकों, रचनाकारों और पाठकों को शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।

-- ललित कुमार
निदेशक, कविता कोश