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खगनियाँ
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खगनियाँ
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
रीतिकालीन कवि। अपनी पहेलियों के लिए हिन्दी साहित्य में याद की जाती हैं। | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
खगनियाँ / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- आधा नर आधा मृगराज / खगनियाँ
- एक नार होती जब नंगी / खगनियाँ
- दोनों बहनें बड़ी अनोखी / खगनियाँ
- नारी देखी एक अनोखी / खगनियाँ
- पेट फटा रहता है सदा / खगनियाँ
- बागों में वह सदा सुहावै / खगनियाँ
- बान्ध गले में उसकी डोरी / खगनियाँ
- बासन खावै सदा समोद / खगनियाँ
- रहता है पीताम्बर कान्धे / खगनियाँ
- रहती अंगरेज़न के साथ / खगनियाँ
- लम्बी चौड़ी आँगुर चारि / खगनियाँ