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आदमखोरों के नाम पत्र / तादेयुश रोज़ेविच / असद ज़ैदी
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प्यारे आदमखोरो !
मत खीजो
उस आदमी पर
जो रेल के डिब्बे में
महज़ बैठने की जगह माँगता है
कृपया, इस बात को समझो
कि दूसरे लोगों की भी
दो टाँगें और चूतड़ होते हैं
प्यारे आदमखोरो !
एक सेकेण्ड रुको
कमज़ोर को रौन्दो मत
मत पीसो अपने दाँत
कृपया, इस बात को समझो
कि बहुत से लोग यहाँ हैं
और भी बहुत से आएँगे
थोड़ा उधर सरको
जगह दो
प्यारे आदमखोरो !
मत ख़रीद डालो तमाम मोमबत्तियाँ
तमाम जूतों के तस्मे
तमाम नूडल
पीठ फेर कर मत रटते रहो —
मैं ,मुझे, मेरा, मेरे लिए
मेरा आमाशय, मेरे बाल
मेरा गल्ला, मेरा पाजामा
मेरी बीवी, मेरे बच्चे
मेरी राय
प्यारे आदमखोरो !
बेहतर हो, हम एक दूसरे को चबा न जाएँ
ठीक न
क्योंकि निश्चय ही
हमारा पुनरुत्थान नहीं होने जा रहा है ।