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"कब मर रहे हैं?" / शैल चतुर्वेदी

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हमारे एक मित्र हैं
रहने वाले हैं रीवां के
एजेंट हैं बीमा के
मिलते ही पूछेंगे-"बीमा कब कर रहे हैं।"
मानो कहते हो-"कब मर रहे हैं?"
फिर धीरे से पूछेंगे-"कब आऊँ
कहिए तो दो फोर्म लाऊँ
पत्नी का भी करवा लीजिए
एक साथ दो दो रिस्क कव्हर कीजिए
आप मर जाएँ तो उन्हे फायदा
वो मर जाएँ
तो आपका फायदा।"
अब आप ही सोचिए
मरने के बाद
क्या फ़ायदा
और क्या घाटा

एक दिन बाज़ार में मिल गए
हमें देखते ही पिल गए
बोले-"चाय पीजिये।"
हमने कहा-"रहने दीजिए।"
वे बोले-"पान खाइए।"
हमने कहा-"बस, आप ही पाइए।"

शाम को घर पहुंचे
तो टेबिल पर उन्ही का पत्र रखा था