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ख़ुदा / हैरॉल्ड पिंटर

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ख़ुदा ने अपने ख़ुफ़िया दिल में आह्वान किया
एक शब्द ढूंढने के लिए
नीचे इकठ्ठे जमाव को देने के लिए आशीष।

लेकिन उसने ढूंढा और चाहे जितना ढूंढा
और प्रेतों से फिर जी उठने की मिन्नत की
पर गीत की कोई आवाज़ उसने वहाँ नहीं सुनी
जलते हुए दर्द के साथ बस इतना समझ आया
कि उसके पास देने के लिए कोई आशीष नहीं थी।

अनुवादक: अनिल एकलव्य