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कौवे / राजा खुगशाल

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वे पेड़ की टहनियों पर

रात के टुकड़ों की तरह बैठे हैं ।


वे वातावरण को काटने के लिए

अपनी आवाज़ में

आरी का इस्तेमाल करते हैं ।


उन्हें देखते ही

आतंकित उड़ती हैं चिड़ियाँ ।


माँएँ उनकी ओर कंकड़ फेंकती हैं

वे बच्चों के हाथों से

रोटी छीन लेते हैं।


वे पेड़ की टहनियों पर

रात के टुकड़ों की तरह बैठे हैं ।