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इन्द्र जिमि जम्भ पर / भूषण

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“इन्द्र जिमि जम्भ पर, बाड़व सुअम्भ पर, रावण सदम्भ पर रघुकुल राज है

पौन वारिवाह पर, शम्भु रतिनाह पर, ज्यों सहस्त्रबाहु पर राम द्विजराज है

दावा द्रुम दण्ड पर, गरुड़ वितुण्ड पर, मृगन के झुण्ड पर जैसे मृगराज है

कान्ह जिमि कन्स पर, तेज तम अन्स पर, त्यों मलेच्छ वन्स पर सेर सिवराज है”