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इश्क़ की दास्तान है प्यारे / जिगर मुरादाबादी

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इश्क़ की दास्तान है प्यारे
अपनी अपनी ज़ुबान है प्यारे

हम ज़माने से इंतक़ाम तो लें
एक हसीं दर्मियान है प्यारे

तू नहीं मैं हूं मैं नहीं तू है
अब जुछ ऐसा गुमान है प्यारे

रख क़दम फूँक फूँक कर नादान
ज़र्रे ज़र्रे में जान है प्यारे