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कौन? / महादेवी वर्मा
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ढुलकते आँसू सा सुकुमार
बिखरते सपनों सा अज्ञात
चुरा कर ऊषा का सिन्दूर
मुस्कुराया जब मेरा प्रात
छिपा कर लाली में चुपचाप
सुनहला प्याला लाया कौन