भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धरा-व्योम / अज्ञेय

Kavita Kosh से
Dr.jagdishvyom (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 20:43, 13 फ़रवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय |संग्रह=अरी ओ करुणा प्रभामय / अज्ञेय }} अंकुरित ध...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अंकुरित धरा से क्षमा

व्योम से झरी रुपहली करुणा

सरि, सागर, सोते-निर्झर-सा

उमड़े जीवन :

कहीं नहीं है मरना ।