भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अनुवाद की भाषा / असद ज़ैदी
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:31, 4 जुलाई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असद ज़ैदी }} अनुवाद की भाषा से अच्छी क्या भाषा हो सकती ह...)
अनुवाद की भाषा से अच्छी क्या भाषा हो सकती है
वही है एक सफ़ेद परदा
जिस पर मैल की तरह दिखती है हम सबकी कारगुजारी
सारे अपराध मातृभाषाओं में किए जाते हैं
जिनमें हरदम होता रहता है मासूमियत का विमर्श
ऐसे दौर आते हैं जब अनुवाद में ही कुछ बचा रह जाता है
संवेदना को मार रही है
अपनी भाषा में अत्याचार की आवाज़ !