भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आयशा के लिए (चौदह)/ असद ज़ैदी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:11, 29 जून 2008 का अवतरण
ख़बर पहले से न थी कि आयशा आयेगी
ख़बर तो उसको भी न थी कि उसे मैं वहाँ मिलूँगा
शायद किसी ने कल्पना भी न की थी कि हम वहाँ होंगे
अब सोचने पर लगता है
जैसे सब कुछ तय था हम सब को पता था
पहले से एक-एक बात का