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समय-4 / दुष्यन्त
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समय नहीं है
घड़ी में
घंटा-मिनट-सैकंड की
सूई का मोमेंटम
समय है इतिहास के पन्नों पर
अंकित होते
आखर-आखर
दुख, सुख, खुशियाँ, नाकामयाबियाँ और
कामयाबियाँ...
सचमुच समय नहीं है
केवल
घड़ी की सूईयों में कैद।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा