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तुम्हारे पास ही रहते न छोड़कर जाते / मुनव्वर राना
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तुम्हारे पास ही रहते न छोड़कर जाते
तुम्हीं नवाज़ते<ref></ref> तो क्यों इधर उधर जाते
किसी के नाम से मंसूब<ref>नियोजित,planned</ref> यह इमारत<ref>भवन</ref> थी
बदन सराय नहीं था कि सब ठहर जाते
शब्दार्थ
<references/>