भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ख़ामोशी / भविष्य के नाम पर / केशव

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:47, 29 दिसम्बर 2009 का अवतरण (ख़ामोशी. / केशव का नाम बदलकर ख़ामोशी / भविष्य के नाम पर / केशव कर दिया गया है)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

खामोशी भी एक आईना है
देखा जा सकता है जिसमें
भीतर उमड़ती हुई नदी को

ज़रूरी नहीं
गहरे उतरने के लिए
की जायें शब्दों की
पनडुब्बियाँ इस्तेमाल
और निकट आने के लिए
की जाये मौसम पर बात
या तितलियों के पँखों से मढ़ा जाये
पहचान का आकाश

खामोशी का
एक नामालूम-सा झोंका भी
परिचय के वृक्ष को
जड़ों तक हिला सकता है.