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फेयर एंड लवली / निर्मला गर्ग

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फेयर एंड लवली की सालाना बिक्री है आठ हज़ार करोड़....
कविता की किताब छपती है मात्र तीन सौ

फेयर एंड लवली = गोरा रंग
गोरा रंग = सुंदर दिखना
सुंदर दिखना = स्त्री होना

स्त्री जो कविता लिखती है
स्त्री जो कविता पढ़ती है
इस फ़ॉर्मूले से बाहर होती है

कविता
जुटी रहती है चींटी-सी
समाज की संरचना को बदलने के लिए
फेयर एंड लवली
अँगूठा दिखाती है उस श्रम को

  
 रचनाकाल : 2007