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नज़रिया / मुकेश मानस
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नज़रिया
कुछ लोगों की जिन्दगी
बड़ी मुश्किल होती है
कुछ लोग जिन्दगी को
मुश्किल बना लेते हैं
कुछ लोग मुश्किलों का
हल खोज लाते हैं
मुश्किल भरी जिन्दगी को
बेहतर बनाते हैं
रचनाकाल:1997