भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कार्यकर्ता से / लीलाधर जगूड़ी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:33, 9 जुलाई 2010 का अवतरण ("कार्यकर्ता से / लीलाधर जगूड़ी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
जिसने भी लिया हो मझसे बदला
वह उसे दे जाए
वनमंत्री ने कहा उत्सव की ठंड में
जंगल जल रहा है उत्तराखंड में
जनता नहीं समझती
कितना कठिन है इस जाड़े में राज चलाना
आँकड़े वाली जनता, समस्या वाली जनता
और स्थानीय जनता तो क्या चीज़ है
अब तो और भी महान् हो गई है
भारतीय जनता