भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उपस्थिति / इदरीस मौहम्मद तैयब
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:29, 21 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इदरीस मौहम्मद तैयब |संग्रह=घर का पता / इदरीस मौह…)
दुनिया की भीड़ में
आदमी कैसे रख लेता है याद
एक ऐसी औरत को
जो भीड़ में शामिल नहीं होती
हक़ीक़त में
जो मौजूद है वहीं मौजूद नहीं है
और जो मौजूद है वही मौजूद नहीं
रचनाकाल : 14 मार्च 2002