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तीस साल के बाद... / नागार्जुन
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रचनाकार: नागार्जुन
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शासक बदले, झंडा बदला, तीस साल के बाद
नेहरू-शास्त्री और इन्दिरा हमें रहेंगे याद
जनता बदली, नेता बदले  तीस साल के बाद
बदला समर, विजेता बदले तीस साल के बाद
कोटि-कोटि मतपत्र बन गए  जादू  वाले  बाण
मूर्छित भारत-मां के तन में वापस आए प्राण
प्रभुता  की  पीनक  में  नेहरू  पुत्री  थी बदहोश
जन गण मन में दबा पड़ा था बहुत-बहुत आक्रोश
नसबन्दी  के  ज़ोर-जुलुम  से मचा बहुत कोहराम
किया सभी ने उस शासन को अन्तिम बार सलाम
(१९७७ में रचित,'खिचड़ी विप्लव देखा हमने' नामक कविता-संग्रह से)
 
	
	

