भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अलस्सुबह / गोबिन्द प्रसाद
Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:06, 8 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द…)
कोई ख़याल
आवारा सा
कोई तसव्वुर
धुंधला सा
आँगन में आते आते
नीम की पत्तियों सा
झर गया सुब्हय-दम
देखता हूँ :
आसमान जस का तस
है धीमा सा कोई
राग