भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

डर / रघुवीर सहाय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:44, 29 मई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: रघुवीर सहाय Category:कविताएँ Category:रघुवीर सहाय ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: रघुवीर सहाय

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~


बढ़िया अंग्रेज़ी वह आदमी बोलने लगा

जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था

मैं डर गया ।


(कवि के मरणोपरांत प्रकाशित 'एक समय था' नामक कविता-संग्रह से )