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समुद्र का गीत / रैनेर मरिया रिल्के

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युगों पुरानी समुद्र की तरफ से आती सांस

रात में

समुद्री हवा

तुम किसी की तलाश में नहीं


जो भी जगता है उसे

अपना रास्ता सवयं चुनना होगा

तुमसे ज्यादा समय तक टिक रहने के लिए

समुद्र से आती युगों पुरानी सांस

मानो पुरातन शिलाओं के लिए ही मात्र बहती हुई

शुद्धता भरे आकाश को दूर-दराज में चीर कर

प्रविष्ट होती हुई...


ओ चांद की रोशनी में ऊंचे खड़े

किसी मुकुलित अंजीर वृक्ष के द्वारा तुम किस कदर संवेगित.