भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पाश / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:16, 21 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>वह देता है आदेश…)
वह देता है आदेश
निकलो बाहर
वह अपनी सांस से
मिटा देती है भाजक रेखा
और वह..
गूंगा हो जाता है