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तुम-2 / नील कमल
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मेरी नींद
फ़सल और भूख के बीच
समीकरण तय करती है
सपने लंबी करते हैं
चाहत की उम्र
उम्र जो इन खेतों से बड़ी नहीं
ये खेत जो तुम्हारी देह से छोटे
क्यारियों में बँटने लगे हैं
देखो
क्यारियाँ नसों में बदलने लगी हैं ।