भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दंभ / सुदर्शन प्रियदर्शिनी

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:04, 22 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन प्रियदर्शिनी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> चटपट ख…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चटपट
खतम हो जाता है
सौहार्द
आत्मीयता
और अपनापन
जब निकल
आता है
दांत निपोरे
असली स्वार्थ
स्‍वेच्‍छा और
दंभ