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संबंध / रजनी अनुरागी
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मैंने उससे कहा
आओ मेरा मन ले लो
उसे मेरा तन चाहिए था
मैंने फिर उससे कहा
आओ मेरा मन ले लो
उसे मेरा धन चाहिए था
उसने मेरा तन लिया
उसने मेरा धन लिया
मन तक तो वो आया ही नहीं
अब मैं सोचती हूँ
कि मैंने उसके साथ
इतना लम्बा जीवन कैसे जिया
पर जीवन जो बीत गया
जीवन जो रीत गया
वह जिया गया कहाँ