भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सदस्य:Rajbahdurdubey

Kavita Kosh से
Rajbahdurdubey (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:35, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

किताब ----हिंदी सुन्दर कांड वाल्मीकि रामायण

ब्ल्विक्रम से न तपो धन से, यश कीर्ति से राम कभी न तुलेंगे कुबेर के वैभव की कोठरी, बंद तेरे इशारे पे ताले खुलेंगे | द्वार निहारेंगे देव खड़े सब, पंखे समीर तुम्हारे झलेंगे| मणि मोति न हार लसेंगे बदन,वर भूषण अगनि अंग झुलेंगे |

हँसा सके इन हिम्हत नलिनी को, चन्द्र प्रभा संयोग नहीं| विधि लिखा है इसके माथे पर, भुजबल अर्जित भोग नहीं |


जीवन हो परतंत्र जहाँ, कुछ करने का अधिकार न हो| धिक्कार है ऐसे जीवन को जहाँ मरने का अधिकार न हो |


किताब ----- हिंदी चाणक्य नीति

जीव जगत में अनेक बंधन, प्रेम का बंध निराला है | भेद निपुण भंगुर कलियों के, वश मे रहने वाला है |

मधुप का सदा बहार जीवन , मदिर चमन मे जीता है | कुसमित कलियों के पराग का, उडि उडि मधु रस पीता है


किताब ---- गोवंश काव्यांजलि

जिस देश मे गोवंश का, रुधिर धरा पर बहता है | नहीं सुरक्षित देश, भूप, भी नहीं सुरक्षित रहता है |


किताब------- मजदूर

किताब------ बंज़र बासुरी

किताब------ हिंदी युद्ध कांड वाल्मीकि रामायणं


लेखक------- राज बहादुर दुबे बंजर जौनपुरी