भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रोज सुबह / सत्यनारायण सोनी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:48, 26 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यनारायण सोनी |संग्रह=कवि होने...' के साथ नया पन्ना बनाया)
रोज सुबह
जब मैं उठता हूं-
मंदिर में
आरती हो रही होती है,
मस्जिद में
मुल्ला अजान देता है
और गुरुद्वारे का पाठी
गुरुवाणी पढ़ रहा होता है।
ठीक उसी वक्त
मेरे घर के सामने
नीम के पेड़ पर
घोंसले में चिडिय़ा
अपने चहचहाते बच्चों को
चुग्गा चुगा रही होती है।
1996