भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मित्र (2) / सत्यनारायण सोनी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:12, 26 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यनारायण सोनी |संग्रह=कवि होने...' के साथ नया पन्ना बनाया)
यह जो बजी घंटी
टेलीफोन की
सुनी दिल ने।
घंटी में
उसका ही नाम लिया है
टेलीफोन ने।
सबका प्यारा है जो
इसके भी तो मन भाया है।
2004