भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अन्त में / अनिरुद्ध उमट
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:29, 22 जनवरी 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरुद्ध उमट |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> ह...' के साथ नया पन्ना बनाया)
होने से
होगी
जिसके भी
कविता
होगा नही
वह
कहीं
भाव