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पड़ाव / कन्हैया लाल सेठिया
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राख
साम्योड़ो जुआड़ो
कांई हुवै
दुख्यां खुंआं
घींसणो पड़सी गाडो
सुणीजै
काळै धौळै नै
टिचकारतो काळ खाड़ेती
पूगणो पड़सी
बीं पड़ाव पर
जठै अडीकै है
जिनगानी नै
भूखी मौत।