भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सपना / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:25, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीकल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
भिसळग्या
आसूंडा़ं री झड़ में
आंख्यां रा सुरंगा सपना
आई मुंडागै
जिनगानी री मोटी साच
कोनी टिकै
पळकां री ओट थकां
मन रै चितेरै रा
काचा रंग !